Thursday, September 17, 2009
पेंसिल के छिलकें ..
बचपन की पेंसिल के छिलकें ..
शायद सबसे कीमती चीज़ थे....
..मन करता है कि वो पुराना ज्योमिट्री बाक्स दुबारा से मिल जाये,
जिसमें मैने उन छिलको के साथ बचपन छुपा के रखा है ..
Monday, September 14, 2009
फ़सल परचम
फ़सल परचम बन के देखो... लहरायी सी है खेत में.... और पानी खलबलाया (आन्दोलन का पर्यायवाची).. सोयी सी सूखी रेत में..........
Friday, September 4, 2009
रंगभेद
अमेरिका में रंग के भेद का हम सब विरोध करते है,
और अपने देश में उसके नाम पर राजनीति...
अरे यार फेयर एण्ड लवली लगाओ रंगभेद मिटाओ. :)
फिल्म कूट के घाट पर
फिल्म कूट के घाट पर...
भई प्रोड्यूसरन की भीड़....
डीवीडी पर जुट गये लेखक...
पीटन को लकीर.
Thursday, September 3, 2009
गणेश चतुर्थी पर
गणपति जो दिल में हैं...
वो कभी जाते नहीं......
फिर न जाने हम इसे..
क्यों साल भर मनाते नहीं??
Wednesday, September 2, 2009
सुबह की ओस
आज सुबह की ओस में मैने.....
आंसू का इक टुकड़ा देखा...
उसकी नन्हीं आँखों में...
पहचाना सा मुखड़ा देखा..
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