दूपहरिया का फूल ..
और चटकती धूप में उठते
मन में धूल के बवंडर ..
आज पता लग गया की
गेहू कनक नही होता ..
और न किसान भगत सिंह
मेरी लटकती रस्सी के स्टीकर
लगे कपो में कॉफ़ी पी के वो
करते रहेगे महसूस
क्रांतिकारी.. बहुत क्रांतिकारी ..
#AakashPandeyFB
और चटकती धूप में उठते
मन में धूल के बवंडर ..
आज पता लग गया की
गेहू कनक नही होता ..
और न किसान भगत सिंह
मेरी लटकती रस्सी के स्टीकर
लगे कपो में कॉफ़ी पी के वो
करते रहेगे महसूस
क्रांतिकारी.. बहुत क्रांतिकारी ..
#AakashPandeyFB