Tuesday, May 5, 2015

दूपहरिया का फूल ..

दूपहरिया का फूल ..
और चटकती धूप में उठते
मन में धूल के बवंडर ..
आज पता लग गया की
गेहू कनक नही होता ..
और न किसान भगत सिंह
मेरी लटकती रस्सी के स्टीकर
लगे कपो में कॉफ़ी पी के वो
करते रहेगे महसूस
क्रांतिकारी.. बहुत क्रांतिकारी ..
#AakashPandeyFB