Monday, March 26, 2018

सवाल


सवाल 

गुल्लक में ज़्यादा यादें हैं  
या फिर डायरी में 
है यादों के सिक्के? 
कूलर से आती  हवा में ज़्यादा सौंधापन  है 
या फिर चाय के कुल्हड़ में? 
पेंसिल के छिलके ज़्यादा क़ीमती है 
या फिर सूखे गुलाब से बना बुक मार्क?  
सवाल अधूरे अच्छे है 
या फिर ख़त्म हो जाना उनका जवाबों के साथ?  
गुल्लक में ज़्यादा यादें हैं  
या फिर डायरी में 
है यादों के सिक्के? 

Thursday, January 25, 2018

लफ्ज़

आओ कुछ लफ्ज़ बिखेरे.
ले ले जज़्बातों के फेरे..
सर्दी में खटिया पे सुखाए
या फिर आचल में काढ़े उकेरे ..
इन्हे कैनवास पे सजाए चितेरे
कुछ रेशमी , कुछ कपासी ,
कुछ तेरे कुछ मेरे ..
आओ कुछ लफ्ज़ बिखेरे.
ले ले जज़्बातों के फेरे..