Friday, September 25, 2015

रक्त ही रक्त

रक्त ही रक्त ..शीश विभक्त
शिशुओ के धड़ अलग
कपाल लिए आसक्त ..
मुख सुर्ख , आखे अंधी
ममता छत विक्षत..
रक्त ही रक्त .. शीश विभक्त ।

Friday, September 4, 2015

तख्तियाँ

वो एहसान भूल के गिन रहे है फब्तियां..
दोस्ती की कब्र पे जड़ रहे है तख्तियाँ