अफ़साने कुछ अनजाने, और गीत पुराने लाया हूँ.... आज तुम्हारी बातों से मैं लफ़्ज़ चुराने आया हूँ.
Thursday, December 2, 2010
कुछ टिकट पुराने बिखरे
कुछ अपने कुछ बिछड़ॆ , कुछ यादो के टुकड़े .
कुछ बाते जो कहनी थी , कुछ अधूरे मुखड़े ..
कुछ स्याही की छींटे , कुछ कागज़ के कतरे .
कुछ पेंसिल के छिलके ,
कुछ
टिकट पुराने बिखरे
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