दाल
के डिब्बे में देखे ...
दो
टुन्ने से घुन..
खाने
मशगूल बड़े थे...
मस्त
थी उनकी धुन ..
दाल
दाल थी
पात
ना एक भी..
दिन
था पूरा
रात
ना एक भी..
बोले
ये इंसान अजूबे
क्यों
रोटी के चक्कर में आते हैं..
क्यों
नहीं ये शर्मा जी
केवल
दाल से काम चलाते हैं,,
शर्मा
जी गुस्सा के बोले..
दाल
कहाँ से खाऊगा.
तुम
से एक बार बचा भी लूं
सरदार
से कैसे बचाऊंगा ??
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