Thursday, June 6, 2013

उतना ही इन्तजार

सुना है उन्हे बारिश का आज भी
उतना ही इन्तजार रहता है .
वो आसुओं से  सीली डायरी  के दागो  
को यादों से भीगा के छुपा  लेते है ..
बारिश  में खड़े हो के वो ..
मुस्कुरा के आसू बहा लेते है…
सुना है  उन्हे बारिश का आज भी

उतना ही इन्तजार रहता है .

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