सुना है उन्हे बारिश का आज भी
उतना ही इन्तजार रहता है .
वो आसुओं से सीली डायरी के दागो
को यादों से भीगा के छुपा लेते है ..
बारिश में खड़े हो के वो ..
मुस्कुरा के आसू बहा लेते है…
सुना है उन्हे बारिश का आज भी
उतना ही इन्तजार रहता है .
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