Monday, June 17, 2013

शेल्फ मे खोजता रहा

मै उन किताबो को शेल्फ मे खोजता रहा 

और वो करती रही ज़िन्दगी में इन्तज़ार.
मैंने पूछा कहाँ थी ,कितना खोजा तुम्हे
वो बोली - और मै खोज रही थी तुम्हे
इन चार दीवारी के बाहर..
अपने बचे कोरे कागज़ो के साथ
तुम्हारे इन्तज़ार में.

No comments:

Post a Comment