Tuesday, July 3, 2012

वर्तमान में रहूं या यादों में मैं खाऊं गोते


वर्तमान में रहूं
या 
यादों में मैं खाऊं गोते
आने वाले कल को बुन लू
मन ही मन में बाते गढ़ लूं
या 
रहूं वर्तमान में ?

बचपन तो था रंग रगींला
चुरन ,कॉमिक पतंग  और कंचे ,
गली , मोह्ल्ला ,आसमान वो नीला 

कल को क्या बन जाऊंगा 
आसमान छू जाऊंगा 
मुठ्ठी में होगी सब दुनिया 

फिर भी ज्ञानी कहते है 
जिओ आज में , रहो आज में 

प्रश्न यहीं है मेरे  मन में...

वर्तमान में रहूं
या 
कल और कल में कल-कल बह लूं ?

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