Tuesday, July 3, 2012

माँ..

वो पन्ने खो गए है.. 
जिनपे कुछ लिखना बाकी था....

सोचता था आज नहीं कल लिख लूंगा..
ये तो अपनी डायरी के ही तो है.. 

तारीखे निकलती चली गई.. 
और वो नीचे चले गए.

अब नहीं है तो बहुत याद आती है..
सोचता हूं काश तभी लिख दिया होता.

पर अब तो वो पन्ने खो गए है.. 
जिनपे कुछ लिखना बाकी था.

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