सहना , चुप रहना,
सब जान के भी कुछ ना कहना
ईएमआई , दहेज , पेंशन ,मिडल क्लास की बेड़ी
और चार कन्धो का इंतज़ार करती बासं की सीढ़ी
हम कैसे कुछ कहे ?
हमारी नियती है कि हम सहें.
वो नोट , वोट और दिल पे चोट का धंधा है..
हमें तो कुओं में है रहना , सहना और चुप रहना,
सब जान के भी कुछ ना कहना
- आकाश पाण्डेय , अक्टूबर 2013
सब जान के भी कुछ ना कहना
ईएमआई , दहेज , पेंशन ,मिडल क्लास की बेड़ी
और चार कन्धो का इंतज़ार करती बासं की सीढ़ी
हम कैसे कुछ कहे ?
हमारी नियती है कि हम सहें.
वो नोट , वोट और दिल पे चोट का धंधा है..
हमें तो कुओं में है रहना , सहना और चुप रहना,
सब जान के भी कुछ ना कहना
- आकाश पाण्डेय , अक्टूबर 2013
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