अफ़साने कुछ अनजाने, और गीत पुराने लाया हूँ.... आज तुम्हारी बातों से मैं लफ़्ज़ चुराने आया हूँ.
Wednesday, August 26, 2009
छुटपन का कन्ना
चलो इक बार दोबारा यादो के ...
आंगन में बचपन उगाये ...
बांध के पतंग में छुटपन का कन्ना , ...
खुशियों को छुड़ईया दे उड़ाये
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