Sunday, April 7, 2013

धत्त तेरे की छोड़ के भईया


धत्त तेरे की छोड़ के भईया
ओ शिट ओ फक बोले
हैट लगा के , बड़ा जमा के
चश्मे को गागल बोले..
बीड़ी अब हो गई है लाइट
पैसे बग कहलाते है
बड़े मज़े से रोज़ सेवेरे
बेड टी खूब उड़ाते है ..
ये सन कितना अर्ली आता
डाउन मार्केट लाइफ को टाटा
जय राम – दुआ सलाम छोड़ के
सीधे गले लगाते है ..
कह के बाई स्लो लाईफ को..
लोकल में झटके खाते हैं  
धत्त तेरे की छोड़ के भईया
ओ शिट ओ फक दुहराते हैं...




No comments:

Post a Comment