अफ़साने कुछ अनजाने, और गीत पुराने लाया हूँ.... आज तुम्हारी बातों से मैं लफ़्ज़ चुराने आया हूँ.
Sunday, April 7, 2013
एक चुस्की तन्हाई
एक चुटकी बचपन मिल जाए
एक चुस्की तन्हाई ..
भीड़ बड़ी है इन गलियों में
गैर हुई परछाई !!
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