अफ़साने कुछ अनजाने, और गीत पुराने लाया हूँ.... आज तुम्हारी बातों से मैं लफ़्ज़ चुराने आया हूँ.
Thursday, May 6, 2010
कोशिश जारी है ,
कोशिश जारी है , लफ़्ज़ो को...... दिल से लब पर लाने की......
बचपन के कुछ लम्हों को .... अब फिर से दोहराने की......
February 8 at 10:23am
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