Thursday, May 27, 2010

थाम ले उंगली मेरी

थाम ले उंगली मेरी , और ले चले बचपन में कोई .
धुन दे दोबारा मेरी यादों की पुरानी रूई...
पगड्ण्डी पर मुझे , मिल जाए फिर से कुछ गुबरैले,
और दादी की क्यारी में मिल जाए फिर वो नन्ही छुई- मुई.
डमरू सुन के भागे सब , कि आया फिर से मदारी ,
और करें मेले में जाके... हाथी की फिर से सवारी .

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